अंधे रहबर अंधे पीर, रहबर पीर बनाऊँ किसको
वासिफ़ के घर दीवाली है, आँगन नाच नचाऊँ किसको
गायन: रफ़ाकत अली खान, शाम चौरासी घराना
रचना: हज़रत वासिफ़ अली "वासिफ़"
पुरातन पोस्ट पत्रावली
वासिफ़ के घर दीवाली है, आँगन नाच नचाऊँ किसको
गायन: रफ़ाकत अली खान, शाम चौरासी घराना
रचना: हज़रत वासिफ़ अली "वासिफ़"
पुरातन पोस्ट पत्रावली
3 टिप्पणियां:
वाह वाह वाह
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
बहुत ही सुन्दर गायन.
wah
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