चलचित्र: आप की परछाइयाँ (1964)
स्वर: आशा, लता, रफी
गीत: राजा मेहंदी आली खाँ; संगीत: मदन मोहन
सौजन्य: श्री गुलाम रसूल (यूट्यूब द्वारा)
पुरातन पोस्ट पत्रावली
स्वर: आशा, लता, रफी
गीत: राजा मेहंदी आली खाँ; संगीत: मदन मोहन
सौजन्य: श्री गुलाम रसूल (यूट्यूब द्वारा)
पुरातन पोस्ट पत्रावली
4 टिप्पणियां:
मासूम से बच्चे की बात भगवान कैसे अनसुनी कर सकता है...सुंदर गीत ! आभार !
अनिता जो की बात से मैं भी सहमत हूँ.
धन्यवाद स्मार्ट जी.
बहुत अच्छी पोस्ट है मेरा हिंदी ब्लॉग है
www.successfulformula.wordpress.com/
Apratim
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