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बुधवार, 20 जुलाई 2011

इन आंखों की मस्ती के - उमराव जान (1981)


शहरयार के शब्द, आशा भोसले का मधुर स्वर, खय्याम का संगीत
रेखा, प्रेमा नारायण, फारुख शेख का अभिनय। अरे अपने नखलऊ की फ़िलम है।

पुरातन पोस्ट पत्रावली

4 टिप्‍पणियां:

Amrendra Nath Tripathi ने कहा…

इतिहास के जाने किस गह्वर में लिये जाती है यह फिल्म!, पसंदीदा गीत है मेरा, इसी फिल्म का एक दूसरा वाला गीत भी, .......ये क्या जगह है दोस्तों, ये कौन सा दयार है, फैज़ाबाद में सूट क्या गया, जहाँ गया हूं बारंबार..सारी यादें खिंच आती हैं इस फिल्म के साथ! आभार!!

Rakesh Kumar ने कहा…

क्या गजब का गाना है.
सुन्दर अभिनय और संगीत ने इसमें जान डाल दी है.
बहुत बहुत आभार.

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

बहुत ही खूबसूरत गाना है...बोल भी उम्दा और फिल्मांकन भी उम्दा.

upendra shukla ने कहा…

bahut hi sundar

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