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शुक्रवार, 20 मई 2011

तुम अपना रंजोग़म - जगजीत कौर - शगुन (1964)

जगजीत कौर, खय्याम, साहिर लुधियानवी

पुरातन पोस्ट पत्रावली

2 टिप्‍पणियां:

प्रतुल वशिष्ठ ने कहा…

अनुराग जी,
आपने ऐसा गीत लगाया कि दो घंटे हो गये कि जुबान से उतर ही नहीं रहा... जमकर बैठ गया है.

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत प्यारा गीत..

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