फ़ॉलोअर

सोमवार, 19 सितंबर 2011

रुक जा ओ जाने वाली रुक जा - कन्हैया (1959)


मुकेश का स्वर शंकर जयकिशन के संगीत में

7 टिप्‍पणियां:

रविकर ने कहा…

रोक रहे हम भी सखे, बड़ा है अंतर-जाल |
कोशिश पर तारीफ़ है, अजी फैसला टाल ||

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

मस्‍त।

------
मायावी मामा?
रूमानी जज्‍बों का सागर..

दीपक बाबा ने कहा…

मैं ये सोच कर उसके दर से उठा था,
कि वो रोक लेंगे मना लेंगे मुझको..

........
.......
न उसने ही रोका,
न आवाज़ ही दी,
न वापिस बुलाया,

मैं आहिस्ता आहिस्ता चलता ही आया ..
यहाँ तक कि उससे जुदा हो गया मैं...
मैं जुदा हो गया.

vidhya ने कहा…

mast bahut sundar gana

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर..

Maheshwari kaneri ने कहा…

बहुत सुन्दर..लाजवाब....

दिगम्बर नासवा ने कहा…

Wonderful song ...

ब्लॉग निर्देशिका - Blog Directory

हिन्दी ब्लॉग - Hindi Blog Aggregator

Indian Blogs in English अंग्रेज़ी ब्लॉग्स