"अदम गोंडवी" को यह श्रद्धांजलि श्री सलिल वर्मा द्वारा उनके ब्लॉग चला बिहारी ब्लॉगर बनने पर दी गई है।
घुटने तक मटमैली धोती, बिना प्रेस किया मुचड़ा कुर्ता-बंडी और गले में मफलर ... यह हुलिया कतई एक शायर का नहीं हो सकता। और अगर यह कहें कि यह हुलिया एक मुशायरे के रोज एक शायर का है तो आपको ताज्जुब होगा। ऐसे शख्स थे जनाब राम नाथ सिंह उर्फ अदम गोंडवी। मुशायरों में इनकी शायरी पर जितनी वाह-वाह होती रहे, उनके चहरे से कभी ऐसा नहीं लगा कि उन्होंने कोइ बड़ी बात कह दी हो। आज जब किसी शायर को, शेर के वज़न से ज़्यादा, खुद की एक्टिंग से शेर में असर पैदा करते देखता/सुनता हूँ, तो लगता है कि अदम साहब की सादगी ही उनका बयान थी। जो शख्स भूख पर शायरी करता हो, उसने भूखे रहकर वो दर्द महसूस किया है, जो उसके बयान में है।
हमारे समय के इस महान शायर को हार्दिक श्रद्धांजलि!
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रामनाथ सिंह "अदम" गोंडवी (22 अक्तूबर 1947 - 18 दिसंबर 2011) |
घुटने तक मटमैली धोती, बिना प्रेस किया मुचड़ा कुर्ता-बंडी और गले में मफलर ... यह हुलिया कतई एक शायर का नहीं हो सकता। और अगर यह कहें कि यह हुलिया एक मुशायरे के रोज एक शायर का है तो आपको ताज्जुब होगा। ऐसे शख्स थे जनाब राम नाथ सिंह उर्फ अदम गोंडवी। मुशायरों में इनकी शायरी पर जितनी वाह-वाह होती रहे, उनके चहरे से कभी ऐसा नहीं लगा कि उन्होंने कोइ बड़ी बात कह दी हो। आज जब किसी शायर को, शेर के वज़न से ज़्यादा, खुद की एक्टिंग से शेर में असर पैदा करते देखता/सुनता हूँ, तो लगता है कि अदम साहब की सादगी ही उनका बयान थी। जो शख्स भूख पर शायरी करता हो, उसने भूखे रहकर वो दर्द महसूस किया है, जो उसके बयान में है।
हमारे समय के इस महान शायर को हार्दिक श्रद्धांजलि!
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6 टिप्पणियां:
हार्दिक श्रद्धांजलि
इस महान शायर को हार्दिक श्रद्धांजलि!....
अदम साहब का नाम यहाँ ही पढा। शुक्रिया!
Har aadmi ko apna samay chakr poora karke jaana hi padta hai,
dhanwadi ho janwadi .
शुक्रिया!
KYA SHAYAR THE ADAM SAHAB...UFF...BEMISAAL...ISHWAR UNKI AATMA KO SHANTI DE
NEERAJ
अश्रुपूरित श्रद्धांजलि, कवि हमेशा अमर रहता है अपनी रचनाओं में
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