कलियुग 5115, सप्तर्षि 5089, शक शालिवाहन 1935
युगादि, गुडी पडवो, उगादि, चैत्रादि, चेती-चाँद, वसंत नव-रात्रि, बोहाग बिहू, नव संवत्सर, नव वर्ष, विक्रमी सम्वत 2070 की हार्दिक शुभकामनायें!
प्रसिद्ध गीत "युग युगादि" के गीतकार "कर्नाटक कुल तिलक" से सम्मानित, "साहित्य अकादमी" और "ज्ञानपीठ" विजेता पद्मश्री दत्तात्रेय रामचन्द्र बेंद्रे "अंबिकातनयदत्त" (31 January 1896 – 21 October 1981) कन्नड साहित्य के नवोदय काल के साहित्यकार हैं।
पुरातन पोस्ट पत्रावली
युगादि, गुडी पडवो, उगादि, चैत्रादि, चेती-चाँद, वसंत नव-रात्रि, बोहाग बिहू, नव संवत्सर, नव वर्ष, विक्रमी सम्वत 2070 की हार्दिक शुभकामनायें!
प्रसिद्ध गीत "युग युगादि" के गीतकार "कर्नाटक कुल तिलक" से सम्मानित, "साहित्य अकादमी" और "ज्ञानपीठ" विजेता पद्मश्री दत्तात्रेय रामचन्द्र बेंद्रे "अंबिकातनयदत्त" (31 January 1896 – 21 October 1981) कन्नड साहित्य के नवोदय काल के साहित्यकार हैं।
पुरातन पोस्ट पत्रावली